नीरज शर्मा, ब्यूरो चीफ
बाराबंकी। भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद मौर्य को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। दो साल पहले अचानक जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव को हटाकर शशांक कुसमेश को जिलाध्यक्ष बनाया गया था। जिलाध्यक्ष पद पर नई तैनाती को लेकर दो महीनों से उठापटक चल रही थी। इसे लेकर जिले के छोटे और बड़े सभी नेता गुटों में बंटे नजर आ रहे थे। कुछ अपने चहेतों को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए तो कुछ कुर्सी बचाने के लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे थे। जिले में आए पर्यवेक्षक के सामने भी यही नजारा देखने को मिला था। इस दौड़ में संगठन के वर्षों पुराने कार्यकर्ता शामिल थे। मगर पार्टी ने जिला महामंत्री अरविंद मौर्य पर भरोसा जताया। उनके नाम की घोषणा होते ही बधाई देने वालों का तांता लग गया। वहीं, अंदर ही अंदर विरोधी स्वर भी मुखर होने लगे। यह बातें सोशल मीडिया पर भी खूब चल रही है। भाजपा के नए जिलाध्यक्ष को जिले में पार्टी के बीच पनपी गुटबाजी रोकना एक बड़ी चुनौती होगी। अरविंद मौर्य 2017 से पहले बसपा में थे। भाजपा में शामिल होने के बाद वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने इनको बाराबंकी सदर सीट से अपना प्रत्याशी बनाया। मगर उनके ऊपर आपराधिक मामला दर्ज होने व सजा मिलने को लेकर पार्टी हाईकमान ने इसे गंभीरता से लिया था। अरविंद मौर्य का नामांकन पत्र रद्द होने की आशंका में आनन फानन में इनका टिकट वापस ले लिया गया था और अरविंद मौर्य की शिक्षक पत्नी राजकुमारी मौर्य को सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिलाकर पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया था। हालांकि चुनाव सपा के सुरेश यादव ने तीसरी बार जीत लिया। ऐसे में नेतृत्व पर भी सवाल उठ रहे हैं। मालूम हो कि 25 जुलाई 2019 को अपर सत्र न्यायाधीश ने एनडीपीएस एक्ट में अरविंद मौर्य को 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई थी। जुर्माना न अदा करने पर छह माह के कारावास की सजा से दंडित करने का आदेश दिया था, जिसके बाद जुर्माना जमा किया गया था। फिलहाल पूरे जनपद के भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से नव नियुक्त कप्तान अरविंद मौर्य को बधाइयों का सिलसिला लगातार जारी है। बधाई देने में देने वालों में प्रमुख रूप से फतेहपुर मंडल अध्यक्ष अनुपम निगम, भाजपा के जिला महामंत्री शीलरत्न मिहिर, मनोज श्रीवास्तव बंधु, दीपचंद जैन समेत अन्य कार्यकर्ता भी शामिल रहे।