मनरेगा में बजट नहीं, काम ठप !

नीरज शर्मा, ब्यूरो चीफ

हरख, बाराबंकी। विकास खंड हरख में मनरेगा दम तोड़ रही है। यहां के 24 हजार मनरेगा मजदूरों में से सिर्फ 1400 को रोजगार मिल रहा है। कई ग्राम पंचायतों में भुगतान होना तो दूर अब तक कागजी कार्रवाई भी नहीं पूरी की जा सकी है। ऐसे में मनरेगा के तहत होने वाले कार्य भी ठप हो रहे हैं। हरख ब्लॉक क्षेत्र की 75 ग्राम पंचायतों में 24 हजार 325 जॉब कार्डधारक हैं, जिनमें करीब छह हजार महिलाएं शामिल हैं। बेरोजगारी का दंश झेल रहे करीब 23 हजार मनरेगा मजदूरों को आजीविका चलानेे के लिए मजदूरी करने शहरों की ओर रुख करना पड़ रहा है। प्रधानों की मानें तो मजदूरों को समय से भुगतान नहीं हो पाता और वह काम खत्म होते ही मजदूरी की मांग करने लगते हैं। इसी वजह से ज्यादातर प्रधान रोजगार दिलाने के प्रति गंभीर नहीं हैं। उधर, ब्लॉक के अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी भी मनरेगा का दम तोड़ने में अहम भूमिका निभा रही है। ग्राम प्रधानों की ओर से आने वाली फाइलों की समय से फीडिंग न होना, भुगतान की फाइलों को समय से पास न करने जैसी प्रमुख समस्याएं हैं। बजट के अभाव में मनरेगा से होने वाले कार्य भी समय से नहीं शुरू हो पा रहे हैं। 25 ग्राम पंचायतों के राज मिस्त्रियों की फाइलें अधूरी
ग्राम पंचायत चंदौली, सोहिलपुर, टेरा, गोठिया, अजपुरा, मौथरी, पंडरी, बोजा आदि करीब 25 ग्राम पंचायतों के राजमिस्त्रियों ने मनरेगा के तहत अमृत सरोवर, नाली निर्माण जैसे कार्य किए थे। इनको भुगतान के लिए रुपये भी भेजे गए, लेकिन फाइल अधूरी होने के कारण अब तक भुगतान नहीं हो पाया है।

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