नीरज शर्मा, ब्यूरो चीफ
बाराबंकी। सरयू नदी की कटान जारी है। अब तक तेलवारी गांव के छह मकान नदी की धारा में समा चुके हैं। इन घरों में रहने वाले लोग गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान के लिए पलायन कर गए हैं। बाढ़ खंड विभाग कटान को रोक पाने में नाकाम है। वहीं जिम्मेदार बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे बाढ़ पीड़ितों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरयू नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार करने के बाद स्थिर हो गया है, लेकिन तेलवारी, गोबरहा और इटहुआ पूरब के पास कटान अभी भी हो रही है। यहां के लोगों ने बताया कि तेलवारी गांव के निवासी रामावती, तेजई, फेराई, श्रीराम, दिग्विजय, कैलाश के मकान नदी की धारा में समा चुके हैं और राम कैलाश का मकान कटान के मुहाने पर है। इसके अलावा नदी की धारा में अब तक करीब दस बीघे खेती योग्य भूमि भी समा चुकी है। कटान को रोकने के लिए बाढ़ खंड के पास कोई उपाय नहीं है। बल्कि नदी की धारा को मजबूत करने के बजाय बजट न होने का हवाला देकर जिम्मेदार पल्ला झाड़ रहे हैं। एसडीएम विश्वमित्र सिंह ने तहसीलदार सुरेंद्र कुमार के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। गांव का निरीक्षण करने गए एसडीएम ने बाढ़ खंड को कटान रोकने के निर्देश दिए।
अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि बारिश के चलते जिले का अधिकतर क्षेत्रफल बाढ़ एवं जलभराव से प्रभावित होता है। बाढ़ के साथ-साथ मकानों की क्षति/मनुष्यों के जीवन की क्षति/पशुओं की मृत्यु होने की संभावनाएं रहती है। दैवीय आपदा तथा उससे उत्पन्न होने वाली स्थिति का सामना करने के लिए कलेक्ट्रेट में एकीकृत कोविड कमांड सेंटर के साथ-साथ जिला बाढ़ नियंत्रण कक्ष संचालित है। लोग नियंत्रण कक्ष में स्थापित दूरभाष संख्या-05248-226017, टॉल फ्री नंबर 1077 पर अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं।