नीरज शर्मा, ब्यूरो चीफ, बाराबंकी
बाराबंकी। योगी सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के बावजूद भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारियों की कान पर जूं तक रेंगता नहीं दिखाई पड़ रहा है। मामला बाराबंकी जनपद की तहसील फतेहपुर की नगर पंचायत फतेहपुर से है, जहां कोतवाली फतेहपुर क्षेत्र के ग्राम शाहपुर चकबहेरवा निवासिनी सीमा पुत्री स्वर्गीय सैन कुमार पत्नी मनोज कुमार पिछले दो माह से अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर पंचायत फतेहपुर के चक्कर काट रही है। सीमा ने बताया कि सितम्बर 2023 में ही उसने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर पंचायत में आवेदन किया था, जिस पर अधिशासी अधिकारी ने शपथ पत्र सहित खुली बैठक कराकर, गवाहों के बयान दर्ज कराकर कार्यवाही की थी परन्तु नगर पंचायत के रसूखदार टैक्स कलेक्टर अरूण कुमार ने मृत्यु प्रमाण पत्र बीस वर्ष पुराना बताकर पांच हजार रूपये की मांग की थी जिसे वह पूरा नहीं कर सकी। इसी कारण से विगत दो माह से टैक्स कलेक्टर अरूण कुमार एसडीएम फतेहपुर को रिपोर्ट प्रेषित नहीं कर रहा था। पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनता न देख थक हार कर सीमा ने संपूर्ण समाधान दिवस में पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के एवज में टैक्स कलेक्टर अरुण कुमार द्वारा पांच हजार रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए उपजिलाधिकारी फतेहपुर से शिकायत की थी। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उपजिलाधिकारी पवन कुमार ने अधिशासी अधिकारी फतेहपुर को जांच के लिए मामला भेज दिया था। लेकिन अधिशासी अधिकारी विनय शंकर अवस्थी ने बिगत दो माह से अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दर दर भटक रही पुत्री को ही ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करने का नोटिस थमा दिया और तो और तीन दिन के अंदर ही नोटिस का जवाब देने का तुगलकी फरमान भी जारी कर दिया।