राहुल की लड़ाई अहंकारी शासन के खिलाफ : प्रियंका

एजेंसी

नई दिल्ली। गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा उनके भाई की याचिका खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी एक “अहंकारी शासन” के खिलाफ सच्चाई और लोगों के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं, जो उनके द्वारा उठाए गए सवालों को दबाने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है। आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका को खारिज करते हुए, न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने कहा कि गांधी पहले से ही भारत भर में 10 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांधी को उनके मोदी उपनाम टिप्पणी के लिए दो साल की जेल की सजा देने का निचली अदालत का आदेश “उचित,और कानूनी” था।

हिंदी में एक लंबे ट्विटर पोस्ट में, प्रियंका गांधी ने रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता “समर शेष है…(लड़ाई अभी बाकी है)” उद्धृत की और मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए। कांग्रेस नेता ने कहा कि अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है, जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, छल, कपट: सब अपना रही है। लेकिन, सत्य, सत्याग्रह, जनता की ताकत के सामने न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का परदा। राहुल गांधी जी ने इस अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार हैं और तमाम हमलों व अहंकारी भाजपा सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देशप्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। जनता का दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं। सत्य की जीत होगी। जनता की आवाज जीतेगी।

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