प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी को दी 12 हजार करोड रुपए की परियोजनाओं की सौगात !

ए पी न्यूज़

वाराणसी। सावन के पहले हफ्ते में शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता 12 हजार करोड़ रुपये की विकास परियाजनाओं की सौगात दी। वाजिदपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए पहले की सरकारों पर जमकर व्यंग्य वाण छोड़े। पीएम मोदी ने कहा कि पहले बैंक तक पहुंच भी सिर्फ अमीर लोगों तक ही होती थी। गरीबों के लिए तो ये माना जाता था कि पैसा ही नहीं है तो बैंक खाते का क्या करेंगे। बीते 9 वर्षों में इस सोच को भी भाजपा सरकार ने बदल दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि आज गरीब कल्याण हो या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर, बजट की कोई कमी नहीं है। वही करदाता हैं, वही सिस्टम है। सरकार बदली है, नीयत बदली है, तो परिणाम भी बदले दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने देश पर दशकों तक राज किया, उनके शासन के मूल में भी बेइमानी रही है। जब ऐसा होता है तो चाहे कितना भी धन इकट्ठा हो तो कम ही पड़ता है। 2014 से पहले भ्रष्टाचारियों की ऐसी ही सरकारें चलती थी। बीते 9 वर्षों में हमने सिर्फ एक परिवार और एक पीढ़ी के लिए योजनाएं नहीं बनाई हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुधर जाए, इसको ध्यान में रखकर काम किया है। सबसे ज्यादा ध्यान रेल परिवहन पर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि काम की नियत का एक उदाहरण देता हूं। आजादी के बाद जब उनकी सरकार बनी तो 2014 तक केवल 19 शताब्दी एक्सप्रेस और 16 राजधानी एक्सप्रेस ही चल सकी। हमने 2014 के बाद से बीते नौ वर्षों में अब तक 25 वंदे भारत अत्याधुनिक सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाई। इसकी शुरुआत भी वाराणसी से की। आने वाले दिनों में इसकी संख्या और बढ़ने वाली है। अगर काम करने की नियत हो तो कोई भी परेशानी सामने नहीं आती। पीएम मोदी ने कहा कि आज वंदेभारत एक्सप्रेस सुपरहीट है। देश के कोने-कोने से इसे चलाने की मांग हो रही है। मोदी ने कहा कि जिन दलों ने अतीत में भ्रष्ट और नाकाम सरकारें चलाईं, वे आज लाभार्थी का नाम सुनकर तिलमिला जाते हैं। आजादी के इतने साल बाद लोकतंत्र का लाभ अब सही मायने में, सही लोगों तक पहुंचा है। पहले लोकतंत्र के नाम पर गिने-चुने लोगों के हित साधे जाते थे, गरीबों की कोई पूछ नहीं थी। भाजपा सरकार में लाभार्थी वर्ग सच्चे सामाजिक न्याय और सच्चे सेक्युलरिज्म का उदाहरण बन गया है। आज कमीशन लेने वालों की दुकान बंद, दलाली खाने वालों की दुकान बंद, घोटाले करने वालों की दुकान बंद…यानी अब ना ही कोई भेदभाव और ना ही कोई भ्रष्टाचार।

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