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लखनऊ। गोलागंज में मंगलवार सुबह सड़क धंसने से एक कार उसमें आधी समा गई। यह सड़क स्मार्ट सिटी योजना में गहरी सीवर लाइन डालने के बाद तीन साल पहले बनाई गई थी। हादसे के बाद अब कागजी खानापूरी की जा रही है। जल निगम के अधिशासी अभियंता पीयूष मौर्या ने ठेकेदार कंपनी केकेस्पन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और उस पर जुर्माना लगाने की बात की है। वहीं स्मार्ट सिटी कंपनी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज सिंह ने भी जल निगम को घटिया निर्माण को लेकर ठेकेदार के खिलाफ विधिक कार्यवाही के लिए नोटिस भेजी है। कार किसकी थी, उसमें कितने लोग सवार थे यह जानकारी नहीं मिली है। मगर क्षेत्रीय पार्षद ने बताया कि टैक्सी कार थी। क्षेत्रीय पार्षद मोहम्मद हलीम ने बताया और उनके साथ रहने वाले इमरान ने बताया कि सुबह सोमवार रात करीब नौ बजे क्रिश्चियन कालेज के पास सडक़ सीवर लाइन के मेनहोल के पास एक छोटा गड्ढा हो गया था। लोगोंं ने उसमें ऐतियात के लिए पेड़ की डाल लगा थी ताकि लोग बच के निकल सकें। रात में बारिश का पानी उसमें गया जिससे सड़क अंदर से खोखली हो गई। मंगलवार सुबह करीब आठ बजे यह पता चला कि सड़क बैठ गई और एक कार उसमें समा गई है। पार्षद हलीम ने बताया कि सबसे पहले नगर निगम को सूचना दी गई। उसके बाद जल निगम को भी बताया गया। हलीम ने बताया कि आसपास मजदूर ज्यादा रहते हैं, उन लोगों ने सबसे पहले कार में बैठे लोगों बाहर निकाला। उसके बाद धक्का लगाकर कार को निकलवा दिया। कार में बोनट ही दबा बाकी हिस्सा सही था। कार में पीछे जो लोग बैठे थे वह भी सुरक्षित थे, मगर दहशत में थे। उसके बाद गाड़ी वाला चला गया।
नगर निगम के सहायक अभियंता सतीश रावत और किशोरी लाल ने बताया कि जानकारी के बाद टीम मौके पर गई। जेसीबी से सड़क के धंसे हिस्से को हटाया गया। उसके बाद उसमें मलवा डालकर पाटा गया। गड्ढ़ा बड़ा था उसमें चार ट्रक मलवा लगा है। सड़क का जो हिस्सा धंसा है वह सीवर मैनहोल के पास का है। इस रोड पर गहरी सीवर लाइन करीब 10 मीटर गहराई में तीन साल पहले स्मार्ट सिटी योजना में जल निगम ने डाली है।
क्षेत्रीय पार्षद मोहम्मद हलीम ने का कहना है कि स्मार्ट सिटी में जो सड़क बनाई गई है उसका फुटपाथ ऊंचा कर दिया गया है। जिससे जल निकासी ठप हो गई। कुछ जगहोंं पर जाली लगाई गई है मगर उससे कूड़ा फंसने से पानी भर जाएगा। सड़क में थोड़ी- थोड़ी दूर पर चैंबर बनाए गए हैं ऐसे में पानी भरेगा तो फिर मैनहोल के पास सडक़ बैठेगी। काम बहुत खराब तरीके से किया गया, इसे सही कराया जाए वरना बारिश में और सडक़ भी धंसेंगी।
जल निगम के अधिशासी अभियंता पीयूष मौर्या ने बताया कि सीवर लाइन डाले जाने के बाद करीब तीन साल पहले सडक़ बनाई गई थी। यह काम ठेेकेदार कंपनी के के स्पन ने किया है। अभी सडक़ बनाने की जिम्मेदारी भी ठेकेदार की ही है। घटिया काम को लेकर ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा।