नीरज शर्मा, ब्यूरो चीफ
बाराबंकी। भूमि का बैनामा कराते समय अंगूठा लगाते ही सारी जानकारी मिल जाएगी। साथ ही इसकी सूचना दाखिल-खारिज और आयकर कार्यालय पहुंच जाएगी। नया साॅफ्टवेयर आते ही बैनामा की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। भूमि का बैनामा कराने के बाद लोगों को अब जल्द ही तहसीलों का चक्कर काटने से मुक्ति मिल जाएगी, क्योंकि एक नया साॅफ्टवेयर बनाया जा रहा है। इस साॅफ्टवेयर के आने पर भूमि का बैनामा कराते समय आधार कार्ड लिंक कराते हुए जैसी ही अंगूठा मशीन पर रखा जाएगा, उसकी सारी जानकारी मिल जाएगी। बैनामा होने के बाद ही खतौनी पर बैनामा लेने वाले व्यक्ति का नाम चढ़ जाएगा। नई व्यवस्था लागू होने से क्रेता व विक्रेताओं को फायदा होगा। सामान्य दिनों में 45 दिनों में नामांतरण की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। यानी विक्रेता का नाम काटकर क्रेता का नाम चढ़ता है। इसके बाद अमल दरामद के लिए फाइल जाती है और खतौनी में नाम चढ़ने पर भी दो से तीन महीना लग जाता है। नाम जल्द चढ़वाने के लिए आवेदकों को चढ़ावा भी चढ़ाना पड़ता है, लेकिन अब प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद क्रेता का नाम मेन खतौनी पर चढ़ जाएगा। बीच की सभी तरह की उलझाऊ प्रक्रिया से भी निजात मिल जाएगी। निबंधन कार्यालय के वरिष्ठ लिपिक एस बी सिंह ने बताया कि साॅफ्टवेयर अभी आया नहीं है, आने वाला है, एक-दो महीने का समय लगेगा। इससे जहां कार्य आसान हो जाएगा, वहीं लोगों को सुविधा भी मिलेगी।