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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली कटौती को लेकर मची हाहाकार के बीच मुख्यमंत्री की फटकार के बाद शनिवार को विभागीय मंत्री से लेकर अफसर तक सक्रिय हुए। ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने मध्यांचल में अफसरों एवं अभियंताओं के साथ बैठक करके समस्याएं जानीं, तो पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने कटौती पर लगाम लगाने की रणनीति बनाई। कई दौर में चली समीक्षा के दौरान सभी निगमों के प्रबंध निदेशकों को ग्रामीण इलाके में 18 घंटे की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके लिए छह घंटे के रोस्टर में ही लोकल फॉल्ट शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। लो वोल्टेज रोकने के भी उपाय सुझाए गए हैं। सभी निगमों के प्रबंध निदेशकों को कॉरपोरेशन अध्यक्ष एम देवराज ने निर्देश दिया कि तय किए गए शिड्यूल के अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। अभी तक अधिकतम खपत 27610 मेगावाट तक पहुंची है। खपत के अनुपात में पर्याप्त बिजली उपलब्ध है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। छह घंटे की रोस्टरिंग दिन में दो पालियों में तीन-तीन घंटे के लिए की जाती है। यदि किसी गांव में सुबह छह से नौ बजे तक और दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक रोस्टिंग तय की गई है। इस बीच सुबह 9 बजे से 12 बजे के बीच स्थानीय फाल्ट के कारण दो घंटे की आपूर्ति बाधित हुई तो दोपहर 12 से तीन बजे के बीच में दो घंटे की व्यवस्था कर ली जाए। ताकि संबंधित गांव को 24 घंटे में 18 घंटे बिजली मिल सके।
अध्यक्ष एम देवराज ने निर्देश दिया कि गर्मी में आद्रता की कमी की वजह से लो-वोल्टेज की समस्या है। ऐसे में पारेषण उपकेंद्रों से वोल्टेज बढ़ाएं, जिससे वितरण परिवर्तक को एलटी साइड तक बढ़ी हुए वोल्टेज मिल सके।
जिन वितरण परिवर्तकों की एलटी लाइन की लंबाई अधिक हैं। उनमें एलटी लाइन को री-आर्गेनाइज़ करें अथवा नए वितरण प्रर्वतक लगाकर एलटी लाइन की लंबाई कम करें। उपभोक्ताओं को भी लो-वोल्टेज दूर करने की तकनीकी उपाय बताएं। उन्हें घरों एवं संस्थानों की अर्थिंग ठीक रखने के तरीके बताएं।