नीरज शर्मा, ब्यूरो चीफ
बाराबंकी। शिवभक्तों की आस्था के केंद्र पौराणिक श्री लोधेश्वर महादेवा में श्रद्धालु दो माह तक विशेष फल देने वाली पूजा-अर्चना कर सकेंगे। सावन और पुरुषोत्तम मास के विलय होने से इस बार उपासना के लिए शिवभक्तों को 59 दिन मिल रहे हैं। चार जुलाई से शुरू हो रहे सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को है। वहीं, सावन में आठ सोमवार पड़ रहे हैं। इसे लेकर मंदिर में तैयारियां शुरु होने वाली हैं।सावन में रामनगर क्षेत्र के श्री लोधेश्वर महादेवा में भक्तों का जमावड़ा लगता है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। हर साल सावन की शुरूआत आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि के अगले दिन से होती है, लेकिन इस बार सावन की शुरुआत चार जुलाई से होगी और 31 अगस्त को समाप्त होगी। इसलिए महादेवा आने वाले शिवभक्तों को उपासना के लिए 59 दिन मिल रहे हैं। श्री लोधेश्वर महादेवा के पुजारी वीरेेंद्र शास्त्री ने बताया कि इस दो माह का सावन अद्भुत संयोग लेकर आया है। दरअसल चंद्रमा 354 दिन का होता है और सौर मास 365 दिन का होता है। इस तरह 11 दिन का अंतर आता है और तीसरे साल में यह अंतर 33 दिन का हो जाता है, जिसे अधिक मास भी कहा जाता है। इस बार आधे सावन के बाद अधिक मास और उसके बाद फिर आधा सावन का योग मिल रहा है। ऐसे में भगवान शिव की आराधना, जलाभिषेक व रुद्राभिषेक करने का फल श्रद्धालुओं को अधिक मिलता है। सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई, दूसरा सोमवार 17, तीसरा 24 व चौथा 31 जुलाई को है। पांचवां सोमवार सात अगस्त, छठा 14 अगस्त, सातवां 21 अगस्त व आठवां 28 अगस्त काे पड़ रहा है।