गुजरात तट पर पहुंचने के बाद कमजोर पड़ा चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ !

अहमदाबाद। सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में तबाही मचाने वाले चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ की तीव्रता गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचने के कुछ घंटों बाद कम होकर ‘बेहद गंभीर’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने आगे बताया कि चक्रवात उत्तर पूर्व की ओर बढ़ गया है और यह कमजोर पड़ गया है। उन्होंने बताया कि शाम तक यह दक्षिण राजस्थान के ऊपर दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। चक्रवात के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश से बड़ी संख्या में पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ गए और समुद्र का जल निचले इलाके के गांवों में भर गया। तेज बारिश के बीच भावनगर में बृहस्पतिवार को एक उफनते नाले में फंसी अपनी बकरियों को बचाते समय एक व्यक्ति और उसके बेटे की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि तेज हवाओं के कारण सैकड़ों पेड़ गिर गए, संचार टावर क्षतिग्रस्त हो गए और धूल भरी आंधी चलने से कुछ क्षेत्रों में दृश्यता शून्य हो गई। अधिकारी ने बताया कि तेज हवाओं से बिजली के तार और खंभे टूट गए जिससे मालिया तहसील के 45 गांवों में बिजली गुल हो गई। अधिकारी ने बताया कि चक्रवात के मद्देनजर कई जिलों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की कई टीम तैनात हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गांधीनगर में राज्य आपदा अभियान केन्द्र में हालात तथा राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। अधिकारी ने बताया कि ‘अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान’ सौराष्ट्र-कच्छ के तट पर शाम करीब साढ़े छह बजे पहुंचना शुरू हुआ और आधी रात के बाद यह पूरी तरह से क्षेत्र में पहुंच गया।    अरब सागर में से उठे चक्रवात ‘बिपारजॉय का केंद्र जखौ बंदरगाह से लगभग 20 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में, देवभूमि द्वारका से 120 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में और नलिया से 50 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में था। गुजरात तट के पास पहुंचने के दौरान चक्रवात 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि इस दौरान हवा की गति 115-125 किलोमीटर प्रति घंटे से 140 किलोमीटर प्रति घंटा थी। राज्य प्रशासन ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम तक उसने आठ तटीय जिलों में रहने वाले 94,000 से अधिक लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में भेजा है। अधिकरियों ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना, वायुसेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को तैनात किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देर रात मुख्यमंत्री पटेल से फोन पर बात करके शक्तिशाली चक्रवात बिपारजॉय के आने के बाद राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने अन्य मामलों के साथ-साथ जंगली जानवरों, विशेषकर गिर के जंगल में शेरों की सुरक्षा के लिए राज्य प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछा। पटेल ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन पर मुझसे बात करके चक्रवात बिपारजॉय के आने के बाद गुजरात की वर्तमान स्थिति के बारे में सभी जानकारी ली। उन्होंने गिर वन के शेरों समेत सभी जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा।

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