नीरज शर्मा, ब्यूरो चीफ
रामनगर, बाराबंकी। बाढ़ और कटान रोकने के लिए सरयू नदी के किनारे किए जा रहे कार्यों में मजदूरों की संख्या कम देख राज्यमंत्री रामकेश निषाद का पारा चढ़ गया। उन्होंने नाराजगी जताते हुए मजदूर बढ़ाकर पांच दिन में कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए। वहीं ग्रामीणों की शिकायत पर गुणवत्ता में सुधार के निर्देश दिए। जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद शनिवार को रामनगर पहुंचे। यहां उन्होंने पहले रामनगर के सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक की। बाढ़ खंड, सिंचाई व नलकूप विभाग के अफसरों को निर्देश दिए कि बाढ़ से निपटने के लिए तटबंधों, बाढ़ चौकियों तथा सीवरों की सतत निगरानी की जाए। विभाग की ओर से कराए जा रहे कार्य व अन्य तैयारियां 15 जून से पहले पूरी कर ली जाएं। उन्होंने एसडीएम तान्या सिंह को निर्देश दिए कि नावों की सूची तैयार कर नाविकों को लगाया जाए। राहत सामग्री के लिए सभी तैयारियों की प्रक्रिया पूरी करा लें। इसके बाद राज्यमंत्री ने एल्गिन ब्रिज पर पहुंच कर बाढ़ एवं कटान नियंत्रण की परियोजनाओं का स्थलीय जायजा लिया। मौके पर मौजूद ग्रामीण हरिनाम, ज्ञानेंद्र, पताली आदि ने आरोप लगाया कि पिचिंग कार्य में लापरवाही की जा रही है। स्लोप को तार के जाल से कसने की बजाय ऊपर से जाल डाल कर औपचारिकता पूरी की जा रही है। इस पर मंत्री ने कहा कि 10 तारीख हो गई है, पांच दिनों में कार्य कैसे पूरा होगा। तुम्हारे मजदूर कहां हैं। इस पर अधिकारियों ने 40 मजदूरों के दो शिफ्ट में कार्य करने की जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि मजदूर बढ़ाकर पांच दिन में काम पूरा कराइए। इस मौके पर एक्सईएन सिंचाई राकेश वर्मा, अमित कुमार, संदीप कुमार आदि मौजूद रहे। निरीक्षण के बाद राज्यमंत्री ने महादेवा में भगवान शिव का जलाभिषेक किया। मंदिर के पुजारी ने वैदिक मंत्रोचारण के बीच पूजा-अर्चना कराई।