नीरज शर्मा, ब्यूरो चीफ
बाराबंकी। विशेष न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट राकेश कुमार ने दहेज हत्या के मामले में पति व सास को 12-12 साल की कैद व 20-20 हजार रुपये जुर्माना भुगतने का आदेश दिया है। सहायक शासकीय अधिवक्ता शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद आजमगढ़ के थाना जीयनपुर के ग्राम कोकिलापार निवासी बलिराम चौहान ने अपनी पुत्री शारदा की शादी कोतवाली रामसनेहीघाट के ग्राम कन्हईपुर निवासी राजू पुत्र शेखर के साथ 23 अप्रैल 2012 में की थी। कुछ दिनों बाद पति राजू मोटरसाइकिल की मांग को लेकर शारदा को प्रताड़ित करने लगा और सास भगवती उसमें सहयोग करती रही। पुत्री के बताने पर पिता बलिराम चौहान ने कई बार दामाद राजू को समझाया। छह अप्रैल 2016 को सूचना मिली कि शारदा की मृत्यु हो गई है। दूसरे दिन जब सुबह परिजन वहां पहुंचे तो पता चला कि दहेज के लिए पुत्री की हत्या कर उसी दिन शव को नाले के पास जला दिया गया है। घर पर राजू व उसकी मां भगवती नहीं मिली। घटना की रिपोर्ट मृतका के पिता बलिराम चौहान ने कोतवाली रामसनेहीघाट में दर्ज कराई थी। गवाहों के बयान व दोनों पक्षों की बहस सुनने पश्चात न्यायाधीश ने अभियुक्त पति राजू व सास भगवती को दहेज हत्या व साक्ष्य छिपाने छुपाने की धाराओं में दोषी पाते हुए सजा सुनाई।