यूपी में सरकारी नौकरी अब पारदर्शी तरीके से मिलती है : योगी

ए पी न्यूज़

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश लगातार तरक्की कर रहा है। छह वर्ष पहले जहां प्रदेश को बीमारी राज्य के रूप में गिना जाता था, वहीं अब विकसित राज्य बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश सरकार की ओर से उठाए गए कदम से गरीबी की दर सिर्फ 11 से 12 फीसदी रह गई है, जिसे जल्द ही दूर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियुक्ति आयोग और बोर्ड पूरी पारदर्शिता से कार्य कर रहे हैं। नियुक्ति और नियुक्ति पत्र वितरण की पूरी प्रक्रिया में कहीं कोई भेदभाव नहीं है। यह प्रक्रिया पूरी निष्पक्षता से हुई है। अब मेधावियों को उनका हक मिल रहा है। जबकि 2018 से पहले नौकरी के लिए आवेदन निकलते ही चाचा- भतीजा झोला लेकर निकल जाते थे। वह मंगलवार को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 1573 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकत्रियों के लोकसभवन में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन रोजगार के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप डेढ़ वर्षों में यह 19वां नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम है। अब तक लगभग 58 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम मिशन रोजगार के साथ ही बेटियों के सशक्तिकरण का कार्यक्रम भी है। उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि नवनियुक्त एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियां पूरी प्रतिबद्धता और इमानदारी से अपने कर्तव्यों का निवर्हन करेंगी। आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाएंगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विभिन्न क्षेत्रों में अभी काफी कार्य करना है। राष्ट्रीय औसत का लक्ष्य प्राप्त करने के बाद अब अन्तरराष्ट्रीय मानकों पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज का प्रयास इसी रणनीति का हिस्सा है। नर्सिंग एवं पैरामेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी निरंतर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया का कोई भी मामला न्यायालय में लंबित नहीं है। प्रदेश सरकार का किसी भी आयोग या बोर्ड के कार्य में हस्तक्षेप नहीं है। नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से कराना आयोग और बोर्ड का अधिकार है। वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2015-16 में प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या लगभग पौने छह करोड़ थी। प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के परिणाम स्वरूप गरीबी की दर 37.68 प्रतिशत से घटकर 2019-21 के बीच मात्र 22 प्रतिशत रह गई है। गरीबी की दर लगभग 11 से 12 फीसदी रह गई है। बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, बदायूं, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, बांदा सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और जल संसाधन, में पिछड़े जिलों को लक्ष्य तय कर विकसित किया जा रहा है।                    आठ आकांक्षात्मक जिलों में परिवर्तन देखने को मिला है। प्रदेश सरकार ने 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों को भी चिन्हित किया। इन विकास खंडों में विभिन्न विभागों ने शत-प्रतिशत मैनपावर की आपूर्ति करते हुए इन्हें संवारा जा रहा है। इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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