विपक्षी गठबंधन अब ‘INDIA’ के नाम से जाएगा जाना !

एजेंसी

बेंगलुरु। विपक्षी गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) रखा गया है। बेंगलुरु में एकजुट हुए समान विचारधारा वाले 26 राजनीतिक दलों ने इस नाम पर सहमति जताई और अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प लिया। बैठक के बाद कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर ने ट्विटर पर कहा, ‘इंडिया जीतेगा।’ तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘चक दे! इंडिया।’ शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट में कहा, 2024 टीम इंडिया बनाम टीम एनडीए होगा। चक दे, इंडिया। विपक्षी दलों की बैठक में यह संकल्प भी लिया गया कि वे देश के सामने एक वैकल्पिक राजनीति का एजेंडा लाएंगे। सभी मिलकर सामाजिक और आर्थिक एजेंडा भी पेश करेंगे। बैठक में यह भी फैसला किया गया कि इस गठबंधन का एक संयोजक होगा। इसमें 11 सदस्यीय समन्वय समिति होगी। आगामी लोकसभा चुनाव प्रचार के प्रबंधन के लिए इसका सचिवालय दिल्ली में होगा। विपक्षी दलों की बैठक के बाद सभी दल एक मंच पर साथ और संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अपनी-अपनी बात रखी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमारे गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ होगा। सभी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। ‘इंडिया’ के घटक दलों की अगली बैठक मुंबई में होगी, जहां गठबंधन के संयोजक और समन्वय समिति के सदस्यों का चयन किया जाएगा। दूसरे दिन की बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस), बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जनता दल (यू)), तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (द्रमुक), लालू प्रसाद यादव (राजद), उद्धव ठाकरे (शिवसेना (यूबीटी)), झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा), दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (आप), अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी) और कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए।

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से जुड़े राजनीतिक दलों के संयुक्त प्रस्ताव में कहा गया कि भाजपा द्वारा योजनाबद्ध तरीके से हमारे गणतंत्र के चरित्र पर गंभीर हमला किया जा रहा है। हम उस मानवीय त्रासदी पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं जिसने मणिपुर को नष्ट कर दिया है। प्रधानमंत्री की चुप्पी चौंकाने वाली है। हम संविधान और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर लगातार हो रहे हमले का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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