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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में संग्रहालय मंदिर के निर्माण में भगवान राम से संबंधित परंपराओं का समावेश करने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर पर्यटन विभाग के प्रस्तुतीकरण में मुख्यमंत्री ने लखनऊ की छत्तर मंजिल, कोठी गुलिस्तां-ए-इरम, कोठी दर्शन विलास और कोठी रोशन-उद्-दौला को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के समक्ष पर्यटन विभाग की ओर से प्राचीन धरोहर भवनों के एडॉप्टिव रियूज, अयोध्या में प्रस्तावित संग्रहालय मंदिर एवं गेटवे कॉम्प्लेक्स टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विरासत संपत्तियों के मूल गौरव को स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। इसमें निजी निवेश का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में लखनऊ की असंरक्षित विरासत संपत्तियों के साथ मिर्जापुर के चुनार किला, बरसाना के जलमहल, कानपुर के शुक्ला तालाब, बिठूर की टिकैतराय बारादरी को भी विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालु भगवान राम की परंपरा को जानना चाहते हैं। संग्रहालय में रामलीला एवं रामायण के विभिन्न दृश्यों का अंकन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में निर्मित किए जा रहे गेटवे कॉम्प्लेक्स में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए। पंचकोसी एवं चौदह कोसी मार्गों को प्राकृतिक सौंदर्य के साथ विकसित करने के निर्देश दिए।