ओवैसी ने यूसीसी को लेकर प्रधानमंत्री पर साधा निशाना !

एजेंसी

जयपुर। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को समान नागरिकता संहिता को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यूसीसी के नाम पर प्रधानमंत्री मोदी ‘हिंदू सिविल कोड’ लाना चाहते हैं, जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं, जबकि कांग्रेसी नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। जयपुर के रामलीला मैदान में एआईएमआईएम के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री समानता की बात करते हैं, लेकिन हकीकत में वे इससे कोसों दूर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यूसीसी के नाम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘हिंदू सिविल कोड’ लाना चाहते हैं, जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं, जबकि कांग्रेसी नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस पार्टी यूसीसी के बारे में खुलकर नहीं बोलती है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के बयान पर तो कांग्रेसी नेताओं ने जमकर बयानबाजी की लेकिन यूसीसी पर एक भी कांग्रेसी मुंह नहीं खोलता है, क्योंकि उन्हें अपने आलाकमान को खुश करना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री समानता की बात करते हैं… मेरे देश के प्रधानमंत्री को कोई जाकर समझाये कि समानता और अनेकता अलग अलग चीज है।’’ उन्होंने सवाल करते हुए कहा, ‘‘एक घर में दो कानून कैसे चलेंगे? संविधान में समवर्ती सूची क्या है… संघीय सूची क्या है… राज्य सूची क्या है… प्रधानमंत्री आप देख लेते तो मालूम होता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश के प्रधानमंत्री के पास वो डिग्री है जो किसी नागरिक के पास नहीं है… उनके पास पूरी राजनीतिक विज्ञान की डिग्री है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश अब तक एकता और विविधता के नाम पर मजबूत रहा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को ‘दो मिनट के नूडल्स’ की तरह चलाना चाहते हैं। उन्हें समझना चाहिए यह 133 करोड़ की आबादी का देश उसे ऐसे नहीं चला सकते आप।’’ ओवैसी ने कहा, ‘‘कांग्रेस को सिर्फ मुसलमानों को धोखा देना आता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुसलमानों के आरक्षण को रोक दिया। मुसलमानों के हालात पर न मोदी न राहुल और न ही गहलोत बात करते हैं। इनके पास न तो रोजगार है और न शिक्षा।’’ उन्होंने भरतपुर के नासिर और जुनैद हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘राजस्थान में मुसलमानों का बुरा हाल है, क्योंकि यहां के मुसलमानों के पास खुद का नेतृत्व नहीं है। राजस्थान में नौ मुसलमान कांग्रेस के विधायक हैं, लेकिन उनके मुंह पर गहलोत ने ताला लगा रखा है।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘जब कन्हैया को मारने वाले आतंकवादी हैं तो जुनैद को मारने वाले भी तो आतंकवादी ही हुए। कन्हैया की मौत पर गहलोत ने 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया। जुनैद की मौत पर सिर्फ 15 लाख रुपये ही क्यों दिए?’’ उन्होंने कहा, ‘‘कन्हैयालाल की मौत हुई, हम उसकी निंदा करते हैं… कन्हैयालाल को मारने वाले आतंकवादी हैं, मैं मानता हूं… तो जुनैद और नासीर को मारने वालों को आतंकवादी नहीं कहेंगे तो उनको आप क्या कहेंगे… उनको क्या देश भक्त कहेंगे… उनको क्या कहेंगे आप?’’ उन्होंने कहा, ‘‘कन्हैयालाल का कत्ल यदि दहशदगर्दों ने किया है, तो यकीनन किया है… तो फिर जुनैद और नासिर को मारने वाले भी तो दहशतगर्द ही हैं। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने मुआवजा देने में दोहरी नीति अपनाई।’’ ओवैसी ने कहा, ‘‘राजस्थान के मुसलमानों को गुर्जरों से सीखना चाहिए। जैसे उन्होंने आरक्षण की लड़ाई लड़ी वह काबिले तारीफ है। मुसलमान अपने हक के लिए घर से बाहर नहीं निकलते हैं।’’ महाराष्ट्र में हुए फेरबदल पर ओवैसी ने कहा ‘‘विपक्ष में एकता होनी चाहिए। पटना की बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार, जिस प्रफुल्ल पटेल को लेकर आए थे। वह आज भारतीय जनता पार्टी में जाकर शामिल हो गए हैं। पटना में विपक्षी पार्टी की बैठक में मुझे नहीं बुलाया था।’’ आवैसी से बताया कि रविवार को उनसे राजस्थान सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मुलाकात की। उन्होंने मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘राजस्थान के राजपूतों को सलाम। आज मुझसे मिलने गुढ़ा आए थे। एक घंटे तक मेरी उनसे बातचीत हुई। मैं उनसे काफी प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा- इस बार विधानसभा चुनाव में हम अपने उम्मीदवार उतारेंगे। इस बार के विधानसभा चुनावों में अल्पसंख्यक विकास में पिछड़ेपन और भेदभाव को मुद्दा बनाया जाएगा।

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