नीरज शर्मा, ब्यूरो चीफ
बाराबंकी। हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र में हुई वृद्धा की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि संपत्ति के लालच में वृद्धा की देवरानी व भतीजे (मां-बेटे) ने ही की थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर मंगलवार को इस हत्याकांड का खुलासा किया। बीती 16 जून को हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र के भियामऊ गांव के बाहर बाग में वृद्धा फूलादेवी का शव पड़ा मिला था। मृतका के शरीर से सभी जेवर गायब थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि वृद्धा की हत्या गला घोंट कर की गई थी। मृतका के पुत्र अशोक की तहरीर पर पुलिस ने मृतका की देवरानी रामलली व रामलली के बेटे अमरदीप के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की थी। मंगलवार को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया। हैदरगढ़ के एसएचओ लालचंद्र सरोज ने बताया कि रामलखन व भवानी प्रसाद सगे भाई है। भवानी प्रसाद का एक बेटा अशोक कुमार लखनऊ में काम करता है जबकि गांव में उसकी पत्नी, बच्चे व माता-पिता रहते है। अशोक की मां मानसिक रूप से बीमार थी। उसकी पत्नी भवानी प्रसाद की देख-रेख नही करती थी। आरोपी अमरदीप ने पुलिस को बताया कि उन्होंने ताऊ भवानी प्रसाद की सेवा सत्कार कर उनके मकान की वसीयत अपने पिता रामलखन के नाम करा ली थी। इस पर भवानी का पुत्र अशोक काफी नाराज था और उसने वसीयत निरस्तीकरण का मुकदमा भी दायर कर रखा था। इसे लेकर अशोक की मां फूलादेवी व पिता भवानी प्रसाद में अक्सर तकरार होती थी। इससे परेशान होकर ही अमरदीप व उसकी मां ने फूलादेवी को रास्ते से हटाने की योजना बना कर बीती 16 जून की रात वृद्धा की रस्सी से गला कसकर हत्या कर, उसका शव रात में बाइक से ले जाकर गांव के बाहर फेंक दिया।