मुस्लिम लीग धर्मनिरपेक्ष और RSS सांप्रदायिक, यह एजेंडा नेहरू जी के जमाने का है: बीजेपी’

एजेंसी

नई दिल्ली। गोरखपुर के गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। हालांकि, इसको लेकर राजनीति भी जबरदस्त तरीके से जारी है। कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। जबकि भाजपा ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस को सनातन से नफरत है, इसलिए वह इसका विरोध कर रही है। इन सब के बीच एक बार फिर से भाजपा ने कांग्रेस पर तगड़ा प्रहार किया है। भाजपा ने साफ तौर पर कहा है कि गीता प्रेस को लेकर कांग्रेस का जो रुख है वह  भारतीय संस्कृति और हिंदुत्व के प्रति अनादर दिखाता है।भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुस्लिम लीग बिल्कुल धर्मनिरपेक्ष है और आरएसएस सांप्रदायिक आज का एजेंडा नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह एक एजेंडा है जो नेहरू जी के जमाने का है। ये विचार जो है वो खानदानी है, ये सोच उनकी रूहानी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इसलिए मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि गीता प्रेस, गोरखपुर के मुद्दे पर कांग्रेस ने जो चरित्र दिखाया है, वह भारत, भारतीय संस्कृति, हिंदुत्व और महात्मा गांधी के आदर्शों के प्रति अनादर दिखाता है।

ट्विटर पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 देना सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा होगा। उन्होंने तर्क दिया कि एक लेखक अक्षय मुकुल ने ‘गीता प्रेस एंड द मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया’ नामक एक जीवनी लिखी थी। रमेश ने कहा कि किताब मुकुल के महात्मा गांधी के साथ ‘तूफानी’ संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का पता लगाता है. यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है। हालांकि, कांग्रेस में भी इसको लेकर राय बंटी हुई नजर आ रही है। यूपी कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि जयराम रमेश को ऐसे बय़ान नहीं देना चाहिए था।

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