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पटना। जीतन राम मांझी के पुत्र और नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री संतोष कुमार सुमन ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। संतोष कुमार सुमन नीतीश के नेतृत्व वाले बिहार मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे। संतोष कुमार सुमन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपने पिता पर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा का जद यू में विलय करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमें जद यू में विलय के लिए मजबूर किया जा रहा था।” बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में राज्य के सत्तारूढ़ ‘महागठबंधन’ में जूनियर पार्टनर हम के लिए शुक्रवार को कम से कम पांच सीटों की मांग की। संतोष कुमार सुमन, जो HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने भी पिछले हफ्ते कहा था कि पार्टी बिहार में 40 लोकसभा सीटों में से पांच से कम की पेशकश पर सहमत नहीं होगी। हम बिहार में एक क्षेत्रीय पार्टी है, जिसकी स्थापना 2015 में जीतन राम मांझी ने की थी और बिहार विधान सभा में इसकी कुल 4 सीटें हैं। 2024 के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने के अपने प्रयास के तहत कई विपक्षी नेताओं के साथ नीतीश कुमार की बातचीत के बीच, जीतन राम मांझी ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी। जीतन राम मांझी 2019 के लोकसभा चुनावों में राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा थे, जिसे जद यू और भाजपा ने मिलकर लड़ा था। मांझी एक बड़े दलित नेता हैं और बिहार के कुछ हिस्सों में अपने ‘मांझी’ समुदाय में उनका प्रभाव है। संतोष सुमन का इस्तीफा नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 23 जून को नीतीश की मेजबानी में पटना में विपक्षी एकता की बैठक बुलाई गई है। इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई विपक्षी नेताओं के शामिल होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। लेकिन इस बैठक से पहले ही महागठबंधन में महाभारत शुरू हो गया है। हालांकि, जद यू ने कहा है कि इससे विपक्षी एकती की बैठक पर कोई असर नहीं पड़ेगा।