रमाकांत वर्मा
ब्यूरो रिपोर्ट
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को आपात स्वास्थ्य सेवाओं के लिये 50,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा तीन महीने यानी 30 जून, 2022 तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया। आरबीआई ने पिछले साल मई में तीन साल की अवधि के लिये रेपो दर पर सदा-सुलभ नकदी व्यवस्था की घोषणा की थी। इसका मकसद कोविड-19 संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े बुनियादी ढांचा तथा सेवाओं को मजबूत बनाने के लिये नकदी उपलब्ध कराना था। इस योजना के तहत बैंकों को तेजी से कर्ज देने को लेकर प्रोत्साहित करने के लिये कर्ज को 31 मार्च, 2022 तक प्राथमिक श्रेणी के अंतर्गत रखा गया था।
आरबीआई ने चार जून, 2021 को तीन साल की अवधि के लिये रेपो दर पर 15,000 करोड़ रुपये की अलग नकदी व्यवस्था करने का निर्णय किया था। यह सुविधा संपर्क से जुड़े क्षेत्रों के लिये 31 मार्च, 2022 तक थी। केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘योजना के प्रति सकारात्मक रुख को देखते हुए इसकी अवधि अब 30 जून, 2022 तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया जाता है।’’ बैंकों ने इसके तहत चार फरवरी, 2022 तक संबंधित इकाइयों को 5,041 करोड़ रुपये दिये हैं।