अपराध प्रहरी संवाददाता
बाराबंकी। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित लोकसभागार में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में निराश्रित गोवंश संरक्षण एवं जनपद स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने अधिकारियों से गौशालाओं से सम्बंधित कार्यो का फीडबैक लिया। जिलाधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले की सभी गौशालाओं में नर और मादा पशुओं को पृथक-पृथक करके रखा जाए। साथ ही गोवंश आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश के सापेक्ष शेड व चरही की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा की गौशालाओं में चारागाह की भूमि पर बोये गये हरे चारे नेपियर, बरसीम आदि के क्षेत्रफल को बढाया जाए जिससे हरे चारे की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। गौशालाओं में पशुओं की एआई कराने के भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि गोबर का उपयोग वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने में किया जाए। इसके लिये स्वयं सहायता समूह का भी योगदान लिया जाए। गौशालाओं से दूध कलेक्शन के भी प्रयास किये जायें। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशा है कि पंचायतें अपनी आय के श्रोतों पर ध्यान दे। जिनमें गौशाला भी आय का एक अच्छा श्रोत बन सकती है। जिलाधिकारी ने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले ग्रामप्रधानों को सम्मानित भी किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले की सभी 123 गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किये जायें। गोवंश आश्रय स्थलों में वर्मीकम्पोस्ट इकाई के संचालन एवं वर्मीकम्पोस्ट खाद, गोबर की खाद व दूध आदि की बिकी से आय के प्रयास किये जायें।
जिलाधिकारी ने जिन गौशालाओं में पशुओं के लिये शेड व चरही की कमी है उन सभी गौशालाओं में पर्याप्त शेड और चरही का निर्माण शीघ्रता के साथ करा लिया जाए। इसके अलावा अधिकारी यह भी सुनिश्चित कर ले कि कहीं पर भी पशुओं के पीने के लिये पानी कि समस्या न रहे। इसके लिये पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित कर लिये जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले की सभी गौशालाओं में रात्रि में प्रकाश पर विशेष ध्यान दिया जाए। जहाँ भी प्रकाश की समस्या है वहाँ पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था करा ली जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री अन्ना सुदन, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।