अपराध प्रहरी संवाददाता
जिलाधिकारी ने भी ली फाइलेरिया रोधी दवा की खुराक
बाराबंकी। जिले में कर्मचारियों की कमी के चलते नकल सवालों की पेंडेंसी कॉफी बढ़ गई थी। जिसके लिये अधिवक्ताओं ने नवागत जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी से इस समस्या के समाधान के लिये अनुरोध किया था। जिस पर जिलाधिकारी ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि
विशेष अभियान चलाकर नकल सवालों की पेंडेंसी को शीघ्रता से समाप्त किया जाए। जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में महज 20 दिनों में ही 3,000 से अधिक सभी नकल सवालों की पेंडेंसी खत्म कर दी गई है। जिस पर जिलाधिकारी ने इस कार्य में लगे पटल सहायक सहित सभी कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि आगे भी अब कोई पेंडेंसी न होने पाए। नकल सवालों की पेंडेंसी को अतिशीघ्र समाप्त करने के लिये जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने एसडीएम विवेशशील यादव को इसकी जिम्मेदारी दी। एसडीएम विवेकशील यादव ने आरआरके लक्ष्मी प्रसाद वर्मा, राम चन्द्र यादव, ए आर के देही, दीप्ति डुबे, प्रियंका श्रीवास्तव, तौसीफ फातिमा, कुलदीप कुमार वर्मा, साकेत वर्मा, आनंद प्रताप सिंह लेखपाल, सचिन बाजपेई, पंकज साहू, मुकेश गिरि, नागेंद्र शुक्ला, कंधई लाल, हरिबख्श सिंह आदि के सहयोग से इस कार्य को महज 20 दिनों में पूरा करवाया। आज की तारीख में नकल सवाल सम्बंधी को प्रार्थना पत्र पेंडिंग नहीं है।
वहीं जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने फाइलेरिया रोधी दवा की खुराक स्वयं लेकर जिले में अभियान की शुरुआत की। मालूम हो कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम हेतु चलाए जा रहे सार्वजनिक फाइलेरिया रोधी दवा सेवन (आईडीए) 2025 के अंतर्गत आज जिलाधिकारी बाराबंकी शशांक त्रिपाठी व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, तथा अन्य कार्यालय स्टाफ को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यक्रम नोडल डॉ डी के श्रीवास्तव की उपस्थिति में आईडीए खुराक खिलाई गई।