सरस्वती विद्या मंदिर के बाल वैज्ञानिकों ने लगाई गणित विज्ञान प्रदर्शनी

नीरज शर्मा, ब्यूरो चीफ

फतेहपुर, बाराबंकी। “धन और सुविधाओं का अभाव आपको प्रगति करने से नहीं रोक सकते। ईश्वर प्रदत प्रतिभा का भरपूर प्रयोग कीजिए, अपनी उड़ान की दिशा निश्चित कीजिए, आपके आगे खुला आसमान है, संपूर्ण विश्व आपके स्वागत को उत्सुक है। उक्त उद्गार स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज तहसील फतेहपुर में आयोजित गणित विज्ञान प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर उप जिला अधिकारी राजेश विश्वकर्मा ने व्यक्त किये। उन्होंने आगे कहा कि विज्ञान के ज्ञान की पूर्णता प्रयोग से होती है सरस्वती शिशु मंदिरों में गतिविधि आधारित शिक्षण के द्वारा विद्यार्थियों को उच्च कोटि की शिक्षा प्रदान की जा रही है। “इसके पूर्व उप जिला अधिकारी महोदय ने घंटा घड़ियाल शंख ध्वनि के मध्य नारियल फोड़कर प्रदर्शनी का भव्य दिव्य विधि से उद्घाटन किया और प्रधानाचार्य सुनील कुमार सिंह ने शांति के प्रतीक श्वेत कबूतरों को उड़ाकर यह संदेश दिया कि विज्ञान का प्रयोग विश्व की समृद्धि और शांति के लिए है। कार्यक्रम की प्रस्ताविकी प्रस्तुत करते हुए प्रधानाचार्य ने कहा कि जीवन गणित की चार विधाओं मात्र पर आधारित है। गीता में कहा गया है “योग: कर्मसु कौशलम् अर्थात योग, दूसरा है ईशा वाश्यम इदम् सर्वम किंचित जगत्याम जगत। अर्थात जो ग्रहण करने योग्य है उसे ग्रहण करो शेष छोड़ दो घटाना। इसी क्रम में गुणा भाग और लाभ हानि प्रतिशत जीवन का गणित है। कार्यक्रम में 204 भैया बहनों ने क्रियाकारी व स्थिर मॉडल बनाएं। इस अवसर पर विद्यालय के अनेक भैया बहनों ने श्री रामानुजन के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला और बहनों ने भाव नृत्य पर्यावरण पर आधारित गीत और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। वैदिक गणित प्रश्न मंच और विज्ञान प्रश्न मंच के कार्यक्रम विशेष रूप से आकर्षक रहे। इस अवसर पर जिला कार्यवाह सुधीर कुमार, लाल बहादुर वर्मा प्रबंधक, विजय जैन कोषाध्यक्ष, अहिबरन सिंह संस्थापक आचार्य, गिरधर गोपाल, सचिन जैन, श्रवण कश्यप, शालिनी सिंह, अनेक पुरातन छात्र और विज्ञान आचार्य उपस्थित रहे।