अधिवक्ता दिवस पर भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को अधिवक्ताओं ने किया नमन !

अपराध प्रहरी संवाददाता।

फतेहपुर, बाराबंकी। न्याय पालिका की तरह व्यवस्थापिका में भी अधिवक्ताओं की जनहित में आवश्यकता है। जिससे आम जनमानस के लिए एक सुविधाजनक कानून के लिए अच्छे सुझाव सरकार तक पहुंच सके और उनका क्रियान्वयन सरलता से आम जनता के बीच हो सके। यह विचार तहसील परिसर में आयोजित अधिवक्ता दिवस के मौके पर दि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार निगम ने व्यक्त किये। उन्होने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद जब महामाहिम राष्ट्रपति के रूप में विद्यमान थे तो उस कालखण्ड के दौरान अधिवक्ताओं की काफी भूमिका केन्द्र सरकार में थी। किन्तु राजनैतिक विसंगति के चलते लगातार राजनीति से अलग-थलग दिखते है, और राजनैतिक प्रतिनिधि कानून की बात समझने के लिए तैयार नही होते है इसलिए अधिवक्ताओं को राजनीति में भी बढ-चढकर हिस्सेदारी करने की आवश्यकता है। अधिवक्ता दिवस को श्रवण कुमार वर्मा, यादवेन्द्र प्रताप सिंह, रामऔतार गौतम, राजेन्द्र प्रसाद वर्मा, हरीश मौर्या, पौरूष श्रीवास्तव, सर्वेश श्रीवास्तव आदि ने सम्बोधित किया। इस मौके पर ओम प्रकाश यादव, सतीश वर्मा, रमेशचन्द्र रावत, रानू मिश्रा, एस पी यादव, हरिवंश वर्मा, अलीउद्दीन शेख, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, नियाज वारिस, नफीस अहमद, प्रिन्स वर्मा, राकेश श्रीवास्तव, शेख शहाबुद्दीन, विकास यादव, अशोक यादव, दीपक वर्मा आदि मौजूद थे।

अधिवक्ता दिवस के इस कार्यक्रम में एसडीएम राजेश कुमार विश्वकर्मा ने भी वकीलों के साथ भाग लिया। उन्होने डा0 राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए अधिवक्ता दिवस की सभी वकीलों को शुभकामनाएं दी।